Thursday, May 16th, 2024

मास्क और सेनेटाइजर के अभाव में विद्यार्थी मैदान में, समन्वयक को मिली करारी फटकार

भोपाल
प्रदेश के 1250 कालेजों में पढ़ने वाले राष्टÑीय सेवा योजना (एनएसएस) दस हजार विद्यार्थियों ने कोरोना वायरस से लड़ने मैदान में उतर गए हैं। यहां विद्यार्थियों को मास्क, गल्बस और सेनेटाइजर दिए बिना ही क्षेत्रों में कार्य कराया जा रहा है। इसके कारण एनएसएस समन्वयकों को उच्च शिक्षा विभाग ने करारी फटकार लगाई है। वर्तमान स्थिति में आज कोई भी व्यक्ति बिना मास्क और सेनेटाइजर के घर से बाहर नहीं निकल रहा है। जहां आज कोरोना वायरस अपने चरम पर पहुंच गया है। वहां समन्वयकों ने विद्यार्थियों को बिना सुरक्षा के लोगों की देखरेख में उतार दिया है। इससे विद्यार्थी कोरोना वायरस से संक्रमित हो सकते हैं। इसलिए उन्हें विद्यार्थियों को सुरद्विात रखने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

कोरोना वायरस से निपटाने कालेजों के दस हजार एनएसएस विद्यार्थियों की मदद ली जा रही है। इसकी पूरी जिम्मेदारी कालेजों के एनएसएस समन्वयकों को सौंपी गई है। समन्वयकों ने विद्यार्थियों को मास्क, गल्बस और सेनेटाइजर दिए बिना ही क्षेत्रों में भेजना शुरू कर दिया है। यहां तक उनसे हेल्प डस्क और हेल्प लाइन का संचालन, भोजन सामग्री तैयार व पैक करने, दवाइंया, राहत सामग्री, अन्य सामान तैयार करने, सामुदायिक जागरुकता  व प्रचार प्रसार संबंधी कार्य, कतार एवं यातायात प्रबंधन, सोशल मीडिया पर आ रही विभिन्न भ्रांतियों से लोगों को सचेत करने का कार्य लिया जा रहा है। कई विद्यार्थी सिर्फ मुंह में रुमाल बांध और पैरो में चप्पल पैनलकर तेज धूप में खड़े होकर लोगों को कोरोना से बचने के उपाय बता रहे हैं। इसकी सूचना विभाग को दी गई। इसके बाद विभाग ने एनएसएस समन्वयकों को करारी फटकार लगाई है। उन्हें सचेत किया गया है कि बिना मास्क, गल्बस और सेनेटाइजर कोई भी कार्य नहीं कराए। उक्त सामाग्री के लिए जिला प्रशासन के पास जाने की जरुरत नहीं हैं। कालेज प्राचार्य जनभागीदारी समिति में रखे फंड से खरीद सकते हैं। इसके बाद विद्यार्थियों में आवंटित की जाएगी। इसके बाद विद्यार्थी क्षेत्रों में उतरकर कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए गतिविधियों में भागीदारी करेंगे।

ये कार्य नहीं करेंगे विद्यार्थी
अस्पताल, कोरांटीन एवं अलगाव प्रबंधन, कानूनी व्यवस्था, प्रवर्तन और हाई रिस्क टास्क।

 

 

 

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